महिलाओं के विरूद्ध यौन-उत्पीड़न पर एक समाजशास्त्रीय अध्ययन

Vol-1 | Issue-9 | September 2016 | Published Online: 15 September 2016
Author(s)
Dr. Sudha Kumari 1

1Working Teacher Subject of ( Home Science) +2 Govt Teacher in Higher Secondary School at Noora Jila Parishad, Patna

Abstract

वर्तमान में पश्चिमीकरण, आधुनिकीकरण, सामाजिक गतिशीलता में वृद्धि, स्त्रियों में शिक्षा एवं नौकरी की ललक के कारण स्त्री-पुरूष में सामाजिकता की एवं सामाजिक अन्तःक्रिया की संभावनायें बहुत अधिक बढ़ गयी हैं जिसके फलस्वरूप स्त्री-पुरूषों के संबंध बहुत सरलता से यौनिक संबंध तक पहुॅच जाते हैं जिसकी स्वीकृति न तो समाज देता है न परिवार देता है। विवाह के पूर्व और विवाह के पश्चात् जो अतिरिक्त यौनिक संबंध स्थापित हो रहे हैं, उसका परिणाम अन्ततोगत्वा महिला उत्पीड़न में ही परिवर्तित होता है। प्रस्तुत शोध-पत्र के अध्ययन में इन्हीं तथ्यों को विश्लेषित करने का प्रयास किया गया है।

Keywords
पश्चिमीकरण, सामाजिक गतिशीलता, उत्पीड़न
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